Monday 22 January 2024

ओ मेरे मनमीत ओ मेरे साजन

ओ मेरे मनमीत ओ मेरे साजन 

तेरे आने से आता है सावन 


फूलों की मीठी बोली , होता है जिसमें प्यार 

खिलकर दिल उड़ता है जब आती है बहार 

बन जाता है मन मेरा तेरे प्यार में पावन 


मोर के पैरों में घुँघरू है बंधे 

कोयल की कूक में, सारे सुर सजे 

सा से लेके नी तक, सुरीला बना आंगन 


दिल को ही पता है, कितना मीठा है यह रोग 

तड़पाता है सबको अपने साजन का वियोग 

दूर नहीं होना, हो कुछ भी अनबन